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संतुलित आहार
आहार की आवश्यकता। 
 
दुनिया में जितने भी जीव हैं उन्हें जिंदा रहने के लिए भोजन की आवश्यकता रहती है। प्रभु ने भिन्न-भिन्न जीवों के लिए अलग-अलग प्रकार का आहार बनाया हुआ है। सभी जीव उसी अनुसार अपना आहार ग्रहण करते हैं। भोजन से सभी जीवों को शक्ति मिलती है । आहार ढूंढने के लिए सभी जीवों को परिश्रम करना पड़ता है,  शरीर को मेहनत करनी पड़ती है लेकिन सबसे बुद्धिमान मनुष्य को अभी तक नहीं पता चला कि वह क्या खाएं, क्या नहीं खाएं? कब खाए और कब नहीं खाएं? मुख्य बात यह है कि हम जो कुछ भी खाएं, वह पचना चाहिए, तभी शरीर में नया रक्त बनेगा, शरीर को शक्ति मिलेगी। जब भोजन पचता है तो छोटी आंतें रस को चूस लेती हैं और बचा हुआ भाग मल के रूप में बड़ी आंतों द्वारा बाहर निकल जाता है।
 
 
भोजन से शक्ति कैसे प्राप्त होती है ?
 
बाहर से हम निम्नलिखित पदार्थ ग्रहण करते हैं ?
(1) प्रोटीन (2) कार्बोहाइड्रेट या कार्बोज (3) वसा या चिकनाई (4) जल  (5) विटामिन (6) खनिज लवण 
 
इन सब पदार्थों को संतुलित मात्रा में -  सात्विक भोजन, सही समय पर करने से हमारा शरीर रोग मुक्त रह सकता है। यह पदार्थ शरीर में कैसे पचते हैं - इसको देखते हैं ।
 
(1) प्रोटीन :- भोजन में प्रोटीन - चाहे दालों से  ली जाए,  या दूध से ली जाए, या अंडे या मांस से ली जाए - अन्न मार्ग से ज्यों कि त्यों रक्त में नहीं जा सकती। क्योंकि यह प्रोटीन उन प्रोटीन से भिन्न है जो हमारे शरीर में है । पचने के बाद इन प्रोटीन में परिवर्तन होता है और यह प्रोटीन वैसा ही बन जाता है जैसे हमारे शरीर में है, तब रक्त इसको ग्रहण कर लेता है वरना नहीं । प्रोटीन का आत्मिकरण अमाशय में बहुत कम होता है। इसका अधिकतर भाग, छोटी आंतों में होता है, कुछ बड़ी आंतों में पचकर मल के रूप में बाहर निकल जाता है। 
 
दालों में मूंग की दाल का सबसे अधिक और चने की दाल का सबसे कम आत्मिकरण होता है । जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर है उनमें प्रोटीन या अन्य पदार्थों का  आत्मिकरण बहुत कम होता है ।  औसतन स्वस्थ व्यक्ति को शरीर के वजन के हिसाब से 1 किलोग्राम के पीछे 1.5 ग्राम से अधिक प्रोटीन नहीं लेना चाहिए। 
 
(2) कार्बोहाइड्रेट :-कार्बोहाइड्रेट से शरीर को स्फूर्ति (energy) मिलती है । कार्बोहाइड्रेट्स मीठी चीजों में अधिक पाया जाता है। गेहूं, बाजरा, चावल, चीनी, गुड़, ग्लूकोस, शहद, शकरकंदी, केले, चुकंदर में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। 
 
कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा लेने से व्यक्ति मोटा हो जाता है, इसलिए अधिक श्रम करने वाले ही यह अधिक मात्रा में लें। हल्का काम करने वाले या बैठे रहने वाले अधिक कार्बोहाइड्रेट्स लेंगे तो उनमें अजीर्ण और अनावश्यक चर्बी बढ़ेगी क्योंकि पचने की क्रिया में कार्बोहाइड्रेट्स शक्कर के सादे रूप ग्लुकोज में बदल कर आसानी से पच जाते हैं और जो बच जाते हैं वे त्वचा के नीचे चर्बी के रूप में जमा हो जाते हैं।
 
 
(3) वसा:- वसा चिकनाई वाली चीजें होती हैं, वसा में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से दुगनी एनर्जी पैदा होती है। मक्खन, घी, तेल, वनस्पति के रूप में खाए जाते हैं । आवश्यकता से अधिक वसा खाने से यह शरीर में जम जाती है और आदमी मोटा हो जाता है। अधिक वसा खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल - ट्राइग्लिसराइड बढ़ जाता है जिससे उक्त उच्च रक्तचाप व हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
 
(4) विटामिन:- सब प्रकार के विटामिन शरीर के लिए बहुत उपयोगी तत्व हैं। विटामिन न तो ऊर्जा प्रदान करते हैं और न तंतुओं की वृद्धि या क्षतिपूर्ति ही, फिर भी स्वस्थ रहने के लिए विटामिन बहुत-बहुत आवश्यक है। इनकी कमी से शरीर में भिन्न-भिन्न प्रकार के रोग हो जाते हैं । 
 
(i) विटामिन ए:-  इसे वृद्धिकारक विटामिन कहते हैं। 
स्रोत:- दूध, अंडा, मक्खन, गाजर, टमाटर, ताजे फल, काजू, बादाम, अखरोट। 
विटामिन ए के कार्य:- बच्चों की वृद्धि में आवश्यक है, आंखों को लाभ पहुंचाता है।
 
(ii) विटामिन बी:- यह कई प्रकार के होते हैं, इन्हें विटामिन बी कॉन्प्लेक्स कहते हैं । यह चावल, गेहूं, दूध, अंकुरित, अंडे, मांस में पाया जाता है। इनकी कमी से बेरी-बेरी नामक रोग हो जाते हैं और शरीर में कमजोरी हो जाती है ।
 
(iii) विटामिन सी:- यह कॉलेजन को स्वस्थ बनाए रखता है और इसका नव निर्माण भी करता है। यह ताप सहन नहीं कर सकता और ऑक्सीजन में नष्ट हो जाता है।
स्रोत:- सारे खट्टे पदार्थ - नींबू, आंवला, संतरा, मौसमी, अमरुद, अनानास, हरी मिर्ची। आंवला सर्वश्रेष्ठ है, आंवले का विटामिन सी नष्ट नहीं होता। च्यवनप्राश आंवले से ही बनता है।
 
(iv) विटामिन डी:- यह सूर्य की किरणों से मिलता है, यह रक्त में कैल्शियम की मात्रा को नियमित रखता है, हड्डियां मजबूत रखता है । इसकी कमी से रिक्टस के रोग हो जाते हैं।
 स्रोत:- मछली का तेल, कॉड लिवर ऑयल, धूप।
 
(v) लवण :- शरीर को निरोगी रखने के लिए प्राकृतिक लवणों की कमी नहीं होनी चाहिए। यह सलाद और सब्जियों से प्राप्त होते हैं। कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, तांबा, आयोडीन, क्लोरीन, सोडियम, पोटैशियम सभी संतुलित संतुलित रूप से रहना चाहिए । यदि नाश्ते में फल और भोजन के साथ प्रचुर मात्रा में सलाद लेते हैं तो शरीर को निरोगी रखा जा सकता है।